PM SHRI Kendriya VidyalayaKarnal, GurgaonAn Autonomous Body Under MHRD, Government Of IndiaCBSE Affiliation Number : 500016 CBSE School Number : 04121
- Friday, May 03, 2024 18:43:31 IST
अर्थात जो बंधन उत्पन्न न करे वही कर्म है जो मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करे वह विद्या है।
शेष कर्म परिश्रमरूप है तथा अन्य विद्यायें तो मात्र कला कौशल ही है।
भारतीय ऋषि-मुनियों व मनीषियों ने ज्ञान (विद्या) को मनुष्य की मुक्ति का साधन कहा है। मनुष्य को भय, भूख, दुर्विकार , दुष्प्रवृत्तियाँ, दुराचरण, निर्बलता, दीनता व हीनता, रोग, शोक इत्यादि से मुक्ति की अभिलाषा अनंतकाल से है। श्रीविष्णुपुराण का उपरोक्त महावाक्य यही संदेश देता है कि मनुष्य को ज्ञान के द्वारा अपने समस्त क्लेशों से मुक्ति पाने का पुरुषार्थ करना चाहिए । विद्या त्याग और तपस्या का सुफल होता है इसलिए ज्ञान की उपलब्धि सदैव श्रमसाध्य है।
आइये, हम सभी अनुशासित होकर, समर्पण भाव से समस्त उपलब्ध साधनों का मर्यादापूर्वक उपभोग करते हुए ज्ञानार्जन का सद्प्रयास करें। अपनी दिनचर्या में उचित आहार , विहार और विचार का समावेश करते हुए व्यक्ति के रूप में प्रकृति प्रदत्त अनंत संभावनाओं को ज्ञान की पवित्र ऊर्जा के आलोक में पल्लवित व पुष्पित करें।
हम सभी कृष्ण यजुर्वेद के तैत्रीय उपनिषद के इस सूत्र का प्रतिदिन अपने विद्यालयों में प्रात:कालीन प्रार्थना सभा में सस्वरपाठ करते हैं:-
आइये, इस सूत्र में छुपे महान संदेश को समझें और अपने जीवन में आत्मसात कर अपना नित्य कर्म करें । मैं, गुरुग्राम संभाग के समस्त प्राचार्यों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, अधिकारियों व कार्मिकों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ और एक सफल व सुखद भविष्य की कामना करता हूँ ।
(Message by Deputy Commissioner )